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Manthan Rastogi

Abstract

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Manthan Rastogi

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सब मिलो तो बात है

सब मिलो तो बात है

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मुश्किलें बंट जाएंगी

सारे अगर हम साथ है 

एक में क्या एकता

जो सब मिलो तो बात है।


भाषणों से तुम बंटे

या खुद विचार कर लिया

आँखो देखी थी लिंचिंग 

या समाचार बस पढ लिया

आधा अधूरा ग्यान तो बस।


दुश्मनी का हाथ है

एक में क्या एकता

जो सब मिलो तो बात है।


पढ़ लिखे जो लोग हैं 

हैं जानते सब प्रक्रिया

बात सुनलो नफ़रतों को

करदो दूर से शुक्रिया।


प्रेम है काफ़ी दिलों में 

छुपाते सब ये बात हैं 

एक में क्या एकता

जो सब मिलो तो बात है।


मुश्किलें बंट जाएंगी 

सारे अगर हम साथ हैं 

एक में क्या एकता

जो सब मिलो तो बात है।


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