सेवाग्रामी शिष्य का
सेवाग्रामी शिष्य का
सेवाग्रामी शिष्य का कमाल
बिना ढाल, बिना खडक बिना तलाक,
तुने दे दी दीदी को आजादी।
और बिना वजह, बिना कसुर,
हम गृहिनीयों की छीन ली आजादी।
करके देश में अचानक तालाबंदी,
उडाके हमारे तोते, और हर घर में मचाके धमाल।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
अभी धीरे – धीरे भुलने लगी थी देश की गृहिनीयां,
चार सल पहिल्रे का दिवाली का अनोखा तोफा मुल्यवान।
काले धन के बहाने, करके नोटबंदी का ऐलीन,
जीसने खाली किया था देश की गृहिनीयां खजाना।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
बिना बढायें सरकारी स्वाथ अनुदान,
सभी नारियों को दे दिया निशुल्क योगा का वरदान।
मना के हर साल जागतिक योगा दिन,
दे कर नारा, अगर स्वस्थ रहेगी देश की नारी।
तो स्वस्थ रहेगा देश का हर परिवार यकिनन,
ऐसे ही हो जायेंगा स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण।
बिना दिये कोई सरकारी कार्यक्रम और अनुदान,
नारों से कर दिया स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
तुम्हारा झाडू बन गया देश का आम झाडू,
हर गली, नुक्कड पर चलाकर स्वच्छता अभीयान।
जलनिस्सारण नाले सफाई से होता है अध्यातमिक ज्ञान,
धोकर सफाई कर्मियों के टी।वि में उनके चरण।
बनाई जा सकती है निकलने वाली गैस से चाय,
कितना बडा आविष्कार है ये माहान।
बिना दिये कोई आधुनिक तंत्र ज्ञान,
समुचे देश को कर दिया स्वच्छ बिना अनुदान।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
तालेबंदी में मिल गई थी,
हम गृहिनीयों थोडी आजादी।
जब परिवार के मुखियां ने,
लगा दी दारु के लिये लंबी लाईन।
वो सुख-चैन भी छीन लिया,
करके वाइन की घर सुपुर्दगी।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
ना पैसा, ना ढेला, ना साडीयों का कोई अब काम,
बस पती के कंधे को कंधा देने का बचा काम।
प्रवासी मजदूर परिवारों का निकल आया कचुम्बर,
हजारो मैल पैदल उन्हे चला- चलाकर।
प्रवासी मजदूर को पहुंचाया अपने घर,
बना के उन्हे बिच राह में आत्मनिर्भर।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
हर घर में बुलंद हुंआ नारा आत्मनिर्भर,
हर कोई बने अपने- अपने कामों में आत्मनिर्भर।
सब नारियों ने झाड दिया घर काम से पल्ला,
आत्मनिर्भर नारी पर पति नहीं कर सकता कोई हल्ला।
क्योंकि सब को बनना है अपने काम में आत्मनिर्भर,
तभी तो देश बनेगा आत्मनिर्भर।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
हर कोई हो गया आशावान और गतिमान,
सरकाने किया जब बिस लाख करोड पैकेज का ऐलान।
सभी गृहिनीयां हो गई गद-गद, यह सोचकर,
वापस लौटगी दिवाली में लुटी धनलक्ष्मी फिर।
जब सरकारी पैकेज का खुला पेटारा,
पता चला की कॉरपोरेट ने सिर्फ हात मारा।
हे शिष्य, तेरे से कोई सीखे जनता को बेवकूफ बनाना,
कैसे खाली नारों और जुमलों से सरकार चलाना।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
कोरोना लढाई में हर देशवासी होगा कोरोना योध्दा।
सिर्फ सरकार लायेंगी एक के बाद एक तालाबंदी।
कोरोना अपने आप लौट जाएगा वुहान,
देखकर शिष्य के नारों की जुगलबंदी।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
कोरोना महामारी डालेगी ध्वस्त स्वाथ सेवा में नई जान,
हर भारतीय को मिलेगा विदेशो जैसा स्वाथ प्रावधान।
करके ढाचागत स्वाथ सेवा में आमूल परीवर्तन,
क्योंकि सभी विश्र्व वित्त संस्थाओ से मिलेगा विपुल धन।
ताकि कोरोना का विश्र्व से मिट जाए संक्रमण,
आयुष्यमान से बडी होगी नई सरकारी स्वाथ योजना।
सभी स्वाथ कर्मियो को मिलेगी आधुनिक सुविधायें व साधन,
ताकि वे भविष्य में कर सके अन्य महामारीयों निपटान।
लेकिन सब हुयें हैरान सुनकर आरोग्य सेतु का ऐलान,
आरोग्य सेतु के लिए देशवासियों को ही करना है भुगतान।
रामदेव बाबा की कोरोना के लढाई में बच गई जान,
वर्ना योगी बाबा के लग जाते दाव पर प्राण।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
सभी मजदूरों की देखकर भयावह कंडिशन,
सभी भारतीय हुये दुःखी, हतप्रत और परेशान।
देखकर कर कलिंगयुध्द का नरसंहार,
सम्राट अशोक का भी हुआ था मन परिवर्तन।
लेकिन मजदूरों को खुद करना पडा मजबूरन,
अपना और अपनों का दर्द भरा सफर आसान।
बस करके खुदही बनों आत्मनिर्भर का ऐलान,
जुमले, जुगलबंदी, नारों से करता हर समस्या का निराकराण।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,
तुने कर दिया कमाल।
जनता करे अगर सरकार से सवाल ,
तो तेरे भक्त, मीडिया मचाते बवाल।
सवालकर्ता के भक्त ट्रोल करके बुरे हाल,
ऐसे में कौन करे आम जनता का ख्याल।
मन के बात से नहीं सुधर सकेगा,
चौपट, चरमराई अर्थ व्यवस्था और बिगडा देश का हाल।
हर मन की बात में हर नया खयाल,
अंधभक्तो के लिए मन की बात है बेमिसाल।
कोई सवाल अगर पुछे क्या हो गया पुराना खयाल,
पुराना खयाल का जवाब होगा फिर नया जुमला सवाल।
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य, तुने कर दिया कमाल।