मातृभूमि प्रेम
मातृभूमि प्रेम
मातृभूमि के,
प्रेम से बढ़कर,
दुनिया में कोई,
प्रेम नहीं।
जो इस से,
गद्दारी करता,
बच्चों उसकी,
खैर नहीं।।
मातृभूमि के,
प्रेम से बढ़कर,
दुनिया में कोई,
प्रेम नहीं।
जो इस से,
गद्दारी करता,
बच्चों उसकी,
खैर नहीं।।