Sunil Gupta teacher
Children
पापा-पापा,
घड़ी ले आना,
हमको घड़ी
पहनना है।
घड़ी देखकर,
खेलेंगे हम,
पढ़ना है।।
सैनिक का महत्...
मातृभूमि प्रे...
बाल कविता ...
बाल कविता
देश की खातिर वह कभी अपने जान की परवाह कहां करता है देश की खातिर वह कभी अपने जान की परवाह कहां करता है
जब नन्हे - नन्हे पावों से चल, पास वो मेरे आते हैंं । हौले से कानो में मेरे। जब नन्हे - नन्हे पावों से चल, पास वो मेरे आते हैंं । हौले से कानो में मेरे...
नन्ही सी बिटिया थी वह तूफ़ानी रात को आयी थी ! नन्ही सी बिटिया थी वह तूफ़ानी रात को आयी थी !
माँ से सुन तारीफ इतनी मेरा मन कुछ बदला, सोचा खा लेती हूँ माना बहुत है कड़वा। माँ से सुन तारीफ इतनी मेरा मन कुछ बदला, सोचा खा लेती हूँ माना बहुत है कड़व...
आसमान पर बादल छाया चाचा अपना छाता लाया। आसमान पर बादल छाया चाचा अपना छाता लाया।
आओ आओ सखियों तुमको मेरी कहानी सुनाऊं। आओ आओ सखियों तुमको मेरी कहानी सुनाऊं।
नहीं चाहिए थी गाड़ी, बस, और न वायुयान। उड़ते-उड़ते ही लख लेती, सारा हिन्दुस्तान। नहीं चाहिए थी गाड़ी, बस, और न वायुयान। उड़ते-उड़ते ही लख लेती, सारा हि...
फिर भी बात तो एक थी प्यारी -प्यारी यादों को समेटकर उसमें रखना। फिर भी बात तो एक थी प्यारी -प्यारी यादों को समेटकर उसमें रखना।
आखिर झूल गया फांसी पर हंसते हंसते वो दीवाना। आखिर झूल गया फांसी पर हंसते हंसते वो दीवाना।
पाकर तुझे खोना दर्द बहुत होता है अविस्मरणीय यादों से तूने जोड़ दिया नाता है पाकर तुझे खोना दर्द बहुत होता है अविस्मरणीय यादों से तूने जोड़ दिया नाता है
कैसे बिठायें कंप्यूटर के समक्ष, एकाग्रता बच्चों की खो रही है कैसे बिठायें कंप्यूटर के समक्ष, एकाग्रता बच्चों की खो रही है
अब यह कैसा मंजर दिखलाया, छाया विश्व में कोविड का सायाI अब यह कैसा मंजर दिखलाया, छाया विश्व में कोविड का सायाI
लॉकडाउन से पहले विनती होती मम्मी से हमारी, कभी तो छुट्टी भी करा दो ओ मम्मी मेरी प्यारी लॉकडाउन से पहले विनती होती मम्मी से हमारी, कभी तो छुट्टी भी करा दो ओ मम्मी मे...
तूने अपना संसार बसाया फिर अपना परिवार बढ़ाया अपनी खुदगर्जी के ख़ातिर तूने मेरा खून बहा तूने अपना संसार बसाया फिर अपना परिवार बढ़ाया अपनी खुदगर्जी के ख़ातिर तूने...
नई पौध के नौनिहालों , सीख लो तुम भी पेड उगाना ! नई पौध के नौनिहालों , सीख लो तुम भी पेड उगाना !
पेरेंट्स की समझ में भी यह फंडा आया बचपन की हिफाजत कर मैं मन ही मन मुस्कुराया। पेरेंट्स की समझ में भी यह फंडा आया बचपन की हिफाजत कर मैं मन ही मन मुस्कुराया...
कहानी हो या वास्तविकता जीत हम सब जानते हैं बिना रुके मंजिल की ओर बढ़ना इस निरंतरता को। कहानी हो या वास्तविकता जीत हम सब जानते हैं बिना रुके मंजिल की ओर बढ़ना इस निरं...
प्रातःकाल में जो प्रतिदिन, प्रेरित कर हमें जगाता है। प्रातःकाल में जो प्रतिदिन, प्रेरित कर हमें जगाता है।
उनके जाने से मानो गिल्लू थी बहुत उदास अब न वो कमरे में आती और न खिड़की के पास।। उनके जाने से मानो गिल्लू थी बहुत उदास अब न वो कमरे में आती और न खिड़की के पा...
कहां खो गए वो हरे भरे खेत, कहां खो गई वो रेत? कहां खो गए वो हरे भरे खेत, कहां खो गई वो रेत?