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bisman idrees

Fantasy Inspirational Children

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Fantasy Inspirational Children

बचपना

बचपना

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आज कुछ बात करते है 

चलो कुछ खास करते हैं। 

उन दिनों को याद करते हैं 

जब एक छोटी सी चीज के लिये हम सबसे फ़रियाद करते हैं। 


मस्ती के वो लम्हे थे कुछ खास, 

नहीं रह पाया हम एक दूसरे से नाराज, 

गुड़िया मेरी गुड्डा तेरा, 

गुड़िया मेरी गुड्डा तेरा 

खेल का वो पल था सुनहरा। 

याद है क्या तुझको वो दिन 

जब तुम ना रह सकती थी मेरे बिन। 

आज कुछ बात करते हैं, 

चलो कुछ खास करते हैं। 

एक मुलाकात हो हमारी ऐसी, 

कि हो जाए मस्ती वैसी की वैसी 


इन छोटी छोटी चीजों में छिपे हैं ऐसे ज़ज्बात 

क्यूंकि इनकी हर बात में है हमारी एक अनोखी मुलाकात। 

वक्त नहीं है पहले जैसा 

लेकिन रात का वो सपना है वैसे का वैसा। 


एक गुड़िया ने ऐसी खानी लिख दी, 

कि दो अजनबियों की यादें सुहानी कर दी 

और यह कहानी मेरी जुबानी पढ़ दी ।

मिले उस रोज हम 

जब थे हम एक दूसरे से अनजान, 

फिर कैसे बस गयी हमारी एक दूसरे मे जान। 


आज कुछ बात करते है,

चलो कुछ खास करते हैं। 

               


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