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bisman idrees

Classics Fantasy Inspirational

4.0  

bisman idrees

Classics Fantasy Inspirational

आप से तुम तक

आप से तुम तक

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मिले हम आज पहली बार 
बस देखा एक नज़र,
तो लगा देखे हम बार-बार 
नहीं जानते थे उनको
ना पता था उनका नाम,
 तो कैसे करें कोई कम।
यह बात चल रही थी दिल और दिमाग में
कि सामने से वह चल कर आए और हल्का सा मुस्कुराए।
दिल रुक सा गया जब वह आ गए सामने 
नहीं समझ आ रहा था कि क्या बोले अब,
 दिल के कोने का कौन सा राज खोले अब। 
तब तक उन्होंने पूछा हमसे हमारा नाम, 
आप बोलकर कर दिया दिल का काम तमाम।
वह एक छोटी सी मुलाकात थी बहुत खास,
रखी है आज भी हमने अपने दिल के पास ।
आप आप करके हम बात करते थे, 
एक दूसरे के साथ रोज मुलाकात करते थे 
आप जब बार-बार बोला जाता है,
 तो एक दूसरे के साथ थोड़ा काम ही मुस्कुराया जाता है ।
कुछ भी हो थे तो एक दूसरे से अनजान
 खुलकर ना हुई थी अब तक जान पहचान
रोज-रोज हम बात करते थे ,
एक नई मुलाकात करते थे 
लेकिन खुलकर न हंसते थे।
नहीं बनापा रहे थे एक दूसरे से जान पहचान, 
क्योंकि थे अभी भी हम एक दूसरे से अनजान 
थे फासले अब भी बहुत,
 कर नहीं पा रहे थे खुलकर कोई काम, 
लेकिन तभी दिमाग में बोल जल्दी किस बात की है भाई, 
 कर ले तू थोड़ा सा आराम।
दिमाग ने बोला अभी-अभी तो मिले हो 
तू  ताड़क करने की क्या जरूरत है 
दोस्ती आप बोलने से अभी खूबसूरत है। 
बाद में तो तुम तुम कर के बुलाना है ,
यह सफर थोड़ा मुश्किल अफसाना है ।
आपसे तुम पर आना मतलब दोस्ती बढ़ाना 
क्या यह सच में है एक बहाना ,
क्या तुम ने कभी नहीं ये जाना।
 और अच्छे से एक दूसरे को जाने बिना क्या आसान होगा यह कर पाना।
आप से तुम तक आना 
सच में होता है एक बहाना,
काम तौ है सिर्फ दोस्ती बढ़ाना।
जिंदगी नहीं है आसान
आप से तुम तक बनने के लिए 
सब को कर देती है परेशान।
मुश्किल है आप से तुम तक आना,
लेकिन फिर नहीं पड़ता है बाद मे  पछताना।


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