टूटा दिल
टूटा दिल
ना समझे हैं, ना समझ पाएंगे
कुछ मुसाफिर ऐसे ही तड़पते रह जाएंगे।
वह प्यार ही क्या जो दिल से किया जाए,
प्यार तो वह है जो रूम में समा जाए
दर्द तो बहुत है इस जिंदगी में
लेकिन किस्मत से कैसे लड़ पाएंगे
प्यार में दुनिया तो क्या किस्मत को भी हरा दिया था
इस कायनात को झुका दिया था
लेकिन खेलते खुद का
जिसको रूह में बसाया था उसने ही दिल को रुलाया था।
दिल तो दिल है जान भी उनके नाम कर चुके थे
मगर उनकी वफा कुछ ऐसी निकली कि
हंसते-हंसते हमसे मारा सब कुछ ले गए,
हमें बस एक बुरी किस्मत दे गए।
तड़प है कुछ ऐसी जो काम ना हो पाएगी
कुर्बान किया था दिल दिल जिस पर उनको ना भूल पाएंगे
मजबूर है हम हालात से
ना कभी हंस पाएंगे
रोना तो हमने कभी सीखा नहीं
तो वह कैसे हमें रुला पाएंगे।
जुनून था हमें
जुनूनियत कब दिखाएंगे टूटा है दिल ऐसे की हम जुड़ कभी ना पाएंगे।
ना वक्त दे रहा हमारे साथ ना साथ दे रही यह दुनिया
कुर्बान तो हो चुका है दिल,
अब खुद को कुर्बान ना कर पाएंगे।
साल है यह
अजीब सा दर्द है कुछ करीब सा
वक्त भर देता है सारे जख्म को,
लेकिन हम खुद को वक्त ना दे पाएंगे।
सुना था प्यार होता है सबसे अच्छा
तो क्या इश्क था हमारा सच्चा
क्यों छोटा वह हाथ
क्यों झूठ वह साथ
यह ही हम सोचते हैं हो गए हैं इतने दिल से गरीब की जी ना पाएंगे।
होता नहीं अगर कोई हमारे आगे पीछे तो कब के मर जाते हम,
पर खुद का खेल है कुछ ऐसा की मर ना पाएंगे।
रोना चाहते हैं
लेकिन कभी रोना पाएंगे।
इंसान कुछ नहीं है अब यह समझ आया है,
खुदा के आगे ना कोई जीता है ना कोई जीतेगा
अब हम भी खुद के सामने सर झुकाएंगे।
गुरुर हमारा टूट गया है
रिश्ता हमारा छूट गया हैं
अब ना रहा इस दिल पर यकीन,
क्योंकि प्यार हमारा टूट गया है।

