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Kishan Negi

Drama Romance Fantasy

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Kishan Negi

Drama Romance Fantasy

कभी कभी सोचता हूं

कभी कभी सोचता हूं

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इक हसीना से मोहब्बत भला क्यों होती

आसमां से ग़र इश्क की बरसात न होती 

दीवानगी की हदें भी कभी पार न होती 

मदहोश रात में अगर मुलाकात न होती


कमबख्त दिल अपनी औकात में रहता 

अगर राह में खड़ी आज जवानी न होती

बेशक मधुशाला में जाम ख़ूब छलके हैं

तुम नहीं तो ये महफिल सुहानी न होती 


खामोशियों के साये में जी रहे हैं आशिक़ 

तुम्हारे आने की सुगबुगाहट जहाँ नहीं होती

सूनी सूनी है हर गली सूने हैं सब गलियारे 

इश्क मोहब्बत की बातें अब यहाँ नहीं होती


हर मोड़ पर दर्द के ऊंचे पहाड़ खड़े यहाँ 

हर डगर मौन है कोई आवाज़ नहीं होती

तुम्हारे हुस्न के दीवाने तो बहुत हैं मगर 

आशिकों की ऊंची अब परवाज़ नहीं होती


ज़ख्म गहरे हैं तो मरहम कौन लगाएगा

सुना है इस मर्ज की कोई दवा नहीं होती

तुम लौट आओ तो चैन मिले इस दिल को

इश्क के गाँव में इश्क की हवा नहीं होती



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