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Dimple Tolani

Fantasy

4  

Dimple Tolani

Fantasy

कुछ तो है इस रात में।

कुछ तो है इस रात में।

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कुछ तो है इस रात में,

कुछ ऐसा जो

कभी दिल को सुकून सा पहुँचाती है तो

कभी इन आँखों में नमी सी ले आती है। 


कुछ ऐसा जो

कभी चेहरे पर मुस्कुराहट की वजह बनती है तो

कभी घुटन सी लगने लगती है। 


कुछ ऐसा जो, 

कभी पुरानी बातों को याद दिलाती है तो

कभी नयी ख़्वाहिशें जगा जाती है। 

थोड़ा दर्द तो देती है मगर, 

ज़िंदगी के दिए जख्मों पर यह मरहम सी बन जाती है। 


कुछ तो ऐसा है इस रात में। 

कुछ तो ऐसा है इस काले आसमान में।


अब तो ये आसमान मानो मेरा दोस्त सा बन गया है, 

हर बात इसे बताया करती हूँ।

हर वो बात जो अक्सर मैं इस दुनिया से छुपाया करती हूँ।


सारे राज़ जानता है वो जो छुपे है कहीं मुझ में, 

दिल हल्का सा हो जाता है, 

लगता है कहीं गुम से हो जाते है सारे गम उस काले घने अँधेरे में।


अब तो उसके दिए हुए आँसू भी अच्छे लगने लगे है, 

अब ये तारे मुझे अपने लगने लगे है।


वो चाँद मुझे जज नहीं करता, 

उस आसमान को मेरी कमियों से फर्क नहीं पड़ता, 

बिन कहे हर बात पढ़ लेता है मेरे मन की, 

मुझे हर बात को उसे समझाना नहीं पड़ता।


कुछ तो है इस रात में

जो सब कुछ जानते हुए भी, 

हर राज़ अपने तक ही रखता है। 

कुछ तो है इस काले आसमान में

जिसे कहा नहीं जा सकता, 

सिर्फ महसूस किया जा सकता है।


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