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Harsh Goyal

Drama Romance Fantasy

4  

Harsh Goyal

Drama Romance Fantasy

बस साथ नहीं हो तुम

बस साथ नहीं हो तुम

3 mins
383

मेरी हर बात में हो तुम,

मेरी हर रात में हो तुम,

मेरे ख्वाबों में भी मेरे साथ में हो तुम,

मेरे हो सो आवाज में भी मेरे साथ में हो तुम,

मेरे हर ख़याल में हो तुम,

मेरे हर सवाल में हो तुम,

मेरी हर मन्नत में हो तुम,

मेरे साथ मरने के बाद चाहूँगा जन्नत में हो तुम,

मेरी हर किताब में हो तुम,

मेरे हर सेर में हो तुम,

लेकिन जब खोलता हूँ आँख और देखता हूँ आस-पास तो बस,

नहीं ना मेरे साथ में हो तुम.


मेरे हर जज़्बात से खेलती वो बस एक आवाज में हो तुम,

जिसको चाहता रहना हर पल दिल के पास,

बस वो एक एहसास हो तुम,

एक साजिश हो तुम

ना होती वाक़िफ़ हो तुम,

मिराज हो तुम, 

झूठ लिपट के आया हो मानो

वो लिबास हो तुम

जिसको करना चाहो सच

वो ख़्वाब हो तुम

नाक़ाबिले यक़ीन वो ख़ूबसूरत साथ हो तुम

मेरे जज़्बात हो तुम 

ना सिर्फ़ शब्द हो तुम

तुम्हारे बिना सिफर है अब हम

जो हमारे दिल के इतने पास में हो तुम

तुम्हारे बिना बस बेकार है अब हम

जो अब ना हमारे पास में हो तुम


मेरे प्यार करने का मेरे लिखने का लहज़ा हो तुम

ख़ुदा का भेजा हुआ कीमती तोहफा हो तुम

जो आती हो हमारी जुबा पर मुसलसल

वो बात हो तुम

बड़ी नज़ाकत से बुना है जिसे हमने

वो हमारा ख़्वाब हो तुम

हाँ एक अंधविश्वास हो तुम

जो ना दूसरों को दिखाने को

हमारे साथ हो तुम

शाम- ओ- सहर करे जिसकी इबादत

वो मेरे संवरिया हो तुम


मेरी ही बनावट हो तुम

हीर रांझा साहिब मिर्ज़ा की तरह जो देगी सुनायी

वो  हर्ष की आहट हो तुम

हाँ मेरी कहानी की और मेरी ज़िंदगानी कि तरह 

बनावट हो तुम

बस मेरी सजावट हो तुम

मेरी ही लिखावट हो तुम

मेरी हर बात-रात-ख़्वाब में हो तुम

बस ना मेरे साथ में हो तुम

बस मेरी आवाज में हो तुम


मेरी आँख की उस चमकान में हो तुम

जो तुम्हारा नाम लेने से आती है

उस मुस्कान में हो तुम

मेरे दिल से निकले उस हर लहू के क़तरे में हो तुम

बस ना मेरी क़िस्मत में हो तुम

बस मेरी आवाज में हो तुम

लेकिन ना मेरी क़िस्मत में हो तुम

बस आवाज में हो तुम……



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