"ये रेशमी लहज़ा" परियों की कहानी है तितलियों की ज़ुबानी है। "ये रेशमी लहज़ा" परियों की कहानी है तितलियों की ज़ुबानी है।
वह लेता नही अब अदब में किसी को अपने आये उरूज पर। वह लेता नही अब अदब में किसी को अपने आये उरूज पर।