STORYMIRROR

Kishan Negi

Romance Fantasy

4  

Kishan Negi

Romance Fantasy

यादगार लम्हे फिर याद आए

यादगार लम्हे फिर याद आए

1 min
393

जरा याद करो आषाढ़ की वह नशीली शाम

पहली फुहार बनकर बरसे थे मेरे गालों पर 

तुम्हारी जादुई छुअन से सिहर गया था बदन 

सावन की सांसे अटकी थी रेशमी बालों पर


क्या याद है बसंत की पहली मादक बयार

महका था ये तन बदन तेरी नरम बांहों में

तुम्हारी आंखों में मचल रही थी बेचैनियाँ 

मेरा दिल था खोया-खोया तुम्हारी आहों में


आए तुम मेरी ज़िन्दगी में नई बहार बनकर

दामन छुड़ाकर जाने का अब नाम मत लेना 

जी भर पी लो इन नयनों से आज की रात

गैर के हाथों से कशिश का जाम मत लेना


अल्फाज़ कम हैं तेरी तारीफ में कुछ कहूँ

जब मुस्कुराते हो दिल को सुकून मिलता है

पहले तिनकों की तरह बिखरी थीं जिंदगी

तुमको देखकर जीने का नया जुनून मिलता है


हाथ थामा है धड़कती सांसें भी थाम लेना

मैं तुम्हारी पतंग और तुम इसकी डोर हो

दिन का उजाला हो रात का दमकता तारा

मेरी ज़िन्दगी की महकती तुम ताज़ी भोर हो


दिल के हर राज़ साझा किए है मैंने तुमसे 

कहने को अब कुछ बाक़ी नहीं मेरे हमसफर

चलो उड़ चलें जहाँ कोई न हो सिवा हमारे 

सिर्फ होगा अपना आशियाना मेरे हमसफ़र



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance