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Reena Tiwari

Abstract Fantasy Inspirational

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Reena Tiwari

Abstract Fantasy Inspirational

देशप्रेम

देशप्रेम

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  “अंधेरे  घर  का  उजाला  था“  वो 

जो देश की ख़ातिर सरहद पर शहीद हुआ ।

अपनी माँ की बाँहों को तरसता छोड़ आया वो

फ़र्ज़ निभाते धरती माँ को जीवन समर्पित किया।।


यूं तो प्यार तुमसे भी बहुत हैं ये कह कर 

अपनी मंगेतर को वो तन्हा छोड़ गया ।

माँ बाप सब रहे सलामत ये तो हर बेटा चाहेगा

देश रहे मेरा सलामत ये सिर्फ फ़ौजी ही सोच पाएगा॥


सिर्फ़ एक ही घर नहीं हैं इनका

पूरा देश के सपूत हैं ये।

अगर तेरा क़र्ज़ ना उतार पाऊँ मातृभूमि।

तो कोई मोल नहीं मेरे इस जीवन का॥

है चाहत कुछ कर गुजरने की इस मिट्टी के लिए।


देश मेरा रहे सलामत यहीं दुआ हर बार हैं

जिसमें खेले-कूदे, पले- बढ़े  है  हम॥

नाज़ है इस पवित्र मातृभूमि पर जन्म लिया हमने।

जान हथेली पर लेकर क़ुर्बानी के लिए सदैव तैयार है हम ॥


“अंधेरे  घर  का  उजाला  था“ वो 

जो देश की ख़ातिर सरहद पर शहीद हुआ ।

अपनी माँ की बाँहों को तरसता छोड़ आया वो

फ़र्ज़ निभाते धरती माँ को जीवन समर्पित किया।।



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