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Reena Tiwari

Classics Inspirational Children

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Reena Tiwari

Classics Inspirational Children

तेरी बिटिया

तेरी बिटिया

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हर वक़्त कहानियाँ बुनती मेरी ज़िंदगी

हर दर-बेदर मुस्कुराना चाही मेरी बन्दगी

बहुत कुछ मिला जिसके लिये तरसे लोग आज भी

वो बापू का साया था,जिसके लिए तरस रहें हम आज भी


चह-चहाती तेरी बगिया थी एक छोटी सी 

और सपनों का आँगन था

आज बिखरीं पड़ी हैं,कोई ना समेटना चाहें उसे

उस बगिया के फूल बन हम खिला करते थे कभीं

तेरी कमीं से घर का हर कोना रोये है आज भी


मतलब की दुनिया हैं हर कोई समझाये यहीं

कौन किसका किस मतलब से ये ना बताये कोई

यूँ तो बहुत हैं मेरे आस पास,कहने को मेरे अपने

लेकिन आपकी कमी को कहाँ कोई पूरा करता हैं


सच कहूँ तो एक आपका साथ सबसे अनूठा था पापा

अब तो ज़िंदगी से भागने का ज़ी करता हैं

जितना हो सकता हैं एक बेटी का फ़र्ज़ निभाते हैं

कभी ना लाँघाआपकी बताई मान-मर्यादा को


बहुत सी मुश्किलों का डटकर सामना कर पाये

 सिर्फ़ आपकी बतायी राह पर चलकर 


बेटी होना गुनाह नहीं हैं यहीं सबको बताना हैं

जब जब टूटा बिखरा हुआ मिला वजूद मेरा

बस एक झलक देखा अपने पिता की ओर

और जीवन का अर्थ समझ आने लगा।


बचपन ना देखा उन्होंने जवानी कमाई में बिताई थी

लबों पर मुस्कुराहट लिए एक ऊर्जा उन्होंने सबमें लायी थी।

भले ना हो खुदके ख़्वाब पूरे 

हम बच्चों के लिए उन्होंने जी-जान लगाई थी।


हाँ वो पिता ही तो है जिसकी कमाई 

क़भी खुदकी ना हो पाई थी।

भूल अपने ख़्वाब ,सपने , शौक़ 

हमारे सपने रूपी जड़ो की सिंचाई की।


टूटना बिखरना ये नही हाथों की लकीरों में

यही शिक्षा उन्होंने हमें सिखाई थी।

अभी बहुत काम बाक़ी हैं ज़िंदगी में”रानी” के 

अभी बहुत कुछ करके दिखाना है,आपका नाम कमाना हैं।


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