पापा
पापा
बचपन ना देखा उन्होंने जवानी कमाई में बिताई थी
लबों पर मुस्कुराहट लिए एक ऊर्जा उन्होंने सबमें लायी थी।
भले ना हो खुद के ख़्वाब पूरे
हम बच्चों के लिए उन्होंने जी-जान लगाई थी।
हाँ वो पिता ही तो है जिसकी कमाई
क़भी खुद की ना हो पाई थी ।
भूल अपने ख़्वाब ,सपने , शौक़
हमारे सपने रूपी जड़ो की सिंचाई की।