बाल कविता ७
बाल कविता ७
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दर्जी अंकल ,
कपड़ा सिल दो
जन्मदिन पर,
पहनूँगा ।
नये कपड़ों से,
खुशी मिलेगी ,
नाचूँगा ,
और झूमूँगा ।।