पर जिंदगी की इस कमीज़ की जेब फ़टी रह गई ख़ुशियाँ, शांति और सद्कर्म जाने गिरकर कहाँ पर जिंदगी की इस कमीज़ की जेब फ़टी रह गई ख़ुशियाँ, शांति और सद्कर्म ...
देखने का नजरिया बदल के देख, कपड़ों से कुछ नहीं होता है, गिरती सोच का नतीजा होता है, देखने का नजरिया बदल के देख, कपड़ों से कुछ नहीं होता है, गिरती सोच का नतीजा...
दर्जी अंकल , कपड़ा सिल दो जन्मदिन पर, पहनूँगा । दर्जी अंकल , कपड़ा सिल दो जन्मदिन पर, पहनूँगा ।
आजकल लोग सौ चेहरे लगाकर घूमते हैं आजकल लोग सौ चेहरे लगाकर घूमते हैं
चिल्लाकर जोर से बोलूं कान में तो अनसुनी बात में ही वो ठहाका भरती। चिल्लाकर जोर से बोलूं कान में तो अनसुनी बात में ही वो ठहाका भरती।
पहला जवाब हमारे दिमाग में ये आया कपड़ों का क्या है, तुम तो कुछ भी पहन लो हमें हमेशा ही पहला जवाब हमारे दिमाग में ये आया कपड़ों का क्या है, तुम तो कुछ भी पहन लो हमें...