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Rajkumar Jain rajan

Others

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Rajkumar Jain rajan

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फ़टी जेब

फ़टी जेब

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भावनाओं के कपड़ों

हौसलों की मशीन

एवं

संम्वेदना के धागों से

सिली जिंदगी की कमीज़


जिससे बचा सकूँ

इस शरीर को

संसार के दुखों से

और जमा करता रहूं

इस कमीज़ की जेब में

ख़ुशियों के सिक्के

शांति के कागज़

और सद्कर्मों के नोट


पर जिंदगी 

की इस कमीज़ की

जेब फ़टी रह गई

ख़ुशियाँ, शांति

और सद्कर्म

जाने गिरकर कहाँ

खो गए


धर्म और जाति के

प्रवाह में कैसे खोजूं

लूट, हत्या, बलात्कार

के भीषण झंझावात में

कैसे बचाऊँ

सहिष्णुता, असिहष्णुता

के आक्रमण

चल रहे है

विचारों की फिसलन

है चारों ओर

मेरी जिंदगी की

कमीज़ की फटी जेब

किस मसीहा से सिलवाऊं

ताकि

मेरी ख़ुशियाँ, शांति,सद्कर्म

रहे सुरक्षित

इस विवशता से 

कैसे निजात पाऊं! 



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