बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे
तुम्हें पाने की चाह में
उम्र भर यो ही
गुजार दी
कभी अपने रिश्ते को
कोई नाम नहीं दिया
यही दुनिया की
सबसे सुंदर प्रेम कहानी है
इस प्यार में
कुछ पाने की नहीं
बल्कि
सर्वस्व न्यौछावर
करने की भावना रही
दुल्हन बन न पाए तो क्या
सर्वस्व समर्पण से
जीवन भर साथ निभाया
मन के रिश्ते रहे
दुनियां के सामने
किया नहीं
सोलह श्रृंगार कभी
सजाई नहीं माँग भी
चाहत
से चलता रहा
रिश्ता अविराम
बिन फेरे हम तेरे हुए
आज की भाषा मे जिसे
नाम दिया
लिव-इन-रिलेशन
कुछ कुछ ऐसा ही
तो हमारा भी
रिश्ता रहा
बिन फेरे, बिन शादी
प्यार को ताउम्र
शिद्दत से
निभाना पूजा से
कम भी नहीं
अब केवल यादें
जिंदा है
और रहेगी
मेरे मरने तक।

