बौनी उड़ान
बौनी उड़ान
मैंने सपनों को
देखा है उड़ते हुए
परिंदों की तरह
जिनकी
बौनी उड़ान
न आसमान
की अथाह दूरी
नाप पा रही थी
न मंजिल का
पता चल पा रहा था
चांद को छू लेना
और सूरज को
मुट्ठी में कैद कर लेना
इन बौनी उड़ानों
से नही होगा
अपने सपनो को
पंख लगाकर
भरनी होगी
हौसलों की उड़ान
संकल्पों में जब
होगी जान
तो हवाएं
भी बता देगी रास्ता
बिना किये विश्राम
सीना ताने
भरनी होगी उड़ान
जिससे असफलता
बौनी लगे
मंजिलों के रास्ते
सहज मिले
उम्मीदों के पंख
कर्मफल बन
चमकने लगे
सूरज किरणों सा
नाविक नहीं हारता
कश्ती को चलाते चलाते
यदि उड़ान भरनी हो
तो जीत का ही भाव हो
बौनी उड़ान में
क्या रखा है।