जिंदगी खेल नहीं
जिंदगी खेल नहीं
जिंदगी कोई खेल नहीं
कर्म- भाग्य का पथ है यह
हौसलों को कर बुलंद जो
पथ पर बढ़ते जाता है
जिंदगी की जंग जीत
उत्कर्ष वही पाता है
जीवन के दृष्टिकोणों को
नित नया देकर आयाम
सोच सकारात्मक हो तो
मन को मिले पूर्ण विराम
जो हमने ठाना मन में
डटे रहो, बढ़े चलो
जैसी सोच रखोगे मन मे
वैसा ही फल पाओगे
तुम श्रम के हो शक्तिपुंज
कठिनाई भी आने से डर जाए
जिंदगी कोई खेल नहीं भाई
आत्म विश्वासों के बल पर
पूरा होगा हर सफर
तूफानों के चाहे टूटे पहाड़
सीना ताने खड़ा रहेगा
बातें कम और कर्म ज्यादा
अपना मनोबल सशक्त करेगा
सोच सकारात्मक रखने पर
मन को पूर्ण विराम मिलेगा
सदा विजयी वही कहलायेगा।