लड़के कभी रोते नही
लड़के कभी रोते नही
आज अचानक
माता - पिता की
स्मृति हो आई,
उनका साथ था जीवन में
तो लगता था
वो बरगद की छांव थे,
कभी दुखी होता तो
स्नेह रूपी सम्बल थे,
मुसीबत में प्रश्नो के
उत्तर जैसे समाधान थे,
जीवन की बगिया में
माली के जैसे
सुरक्षा की ढाल थे,
स्नेह, प्रेम का
झरना थे
पथ प्रदर्शक थे।
काल ने अचानक
हमसे छीन लिया उनको,
तन का रिश्ता टूट गया
मन तो व्यथित हो
याद करता हर पल उन्हें।
और आज उन्हें याद कर
रो रहा था,
एकांत में बैठे यादों में
खो रहा था।
तभी अचानक
कानों में पड़ा सुनाई
लड़के कभी रोते नहीं
जीवन के संग्राम में
कभी कमजोर होते नहीं।
माता -पिता का आशीष है
अपने यादों के पट खोलो,
जीवन अनमोल है,
सेवा धर्म को अपनाकर
अपना जीवन सफल बनाओ,
हिम्मत और हौसले के बल
उन्नति का शिखर तुम पाओ,
आशीष हमारा
सदा तुम्हारे साथ है,
खुशियां सब पर लुटाओ।
क्योंकि
लड़के कभी रोते नहीं,
हताश कभी होते नहीं,
कर्मपथ पर चलते रहो
सदपथ पर रहे नज़र,
तो होगा तुम्हारे कर्म से
नाम हमारा अमर।