मुबारक हो जन्नत किसी और को अब जहन्नुम मिले साथ माँ चाहता हूँ। मुबारक हो जन्नत किसी और को अब जहन्नुम मिले साथ माँ चाहता हूँ।
क्योंकि उसके अर्थ को तितलियाँ आज भी नहीं समझ पायी। क्योंकि उसके अर्थ को तितलियाँ आज भी नहीं समझ पायी।
पहले के बाद दुसरी बार भी इश्क होता है... कैसे....???? पहले के बाद दुसरी बार भी इश्क होता है... कैसे....????
कभी और इत्मीनान से इन्हें फिर खोलूंगी कभी और इत्मीनान से इन्हें फिर खोलूंगी
आती तेरी यादों को.. मैं शायरी में लिखता हूँ। आती तेरी यादों को.. मैं शायरी में लिखता हूँ।
यह हो फिल्म की स्टोरी बताते हैं कि प्यार दोबारा और किसी और से नहीं हो सकता l यह हो फिल्म की स्टोरी बताते हैं कि प्यार दोबारा और किसी और से नहीं हो सकता l