Jagrati Verma
Thriller
तह कर के रख दी हैं तेरी यादें एक कोने में
कभी और इत्मीनान से इन्हें फिर खोलूंगी
दुबारा याद करके वो गुज़रे हुए पल
एक बार फिर...थोड़ा और रो लूंगी
तू याद बहुत आ...
ये कहानी यहीं...
रूप की चाहत स...
ऐतबार
खुद में
खानाबदोशों सा
हल
तह
एक दिन
ये हुनर हममें...
मगर कौन जाने ख्वाबों को मूंद कहीं एक सूर्य अस्त भी हुआ। मगर कौन जाने ख्वाबों को मूंद कहीं एक सूर्य अस्त भी हुआ।
कहीं देवदार के पेड़, कहीं चीड़ सामने खड़े हैं यहाँ के मौसम के भी, सूना है मिज़ाज बड़े हैं कहीं देवदार के पेड़, कहीं चीड़ सामने खड़े हैं यहाँ के मौसम के भी, सूना है मिज़ाज...
मन के अंदर के तूफान को जिसे बस अनुभव किया जाता है मन के अंदर के तूफान को जिसे बस अनुभव किया जाता है
कोई अर्थी को सजा रहा आँसू को कोई छुपा रहा कोई अर्थी को सजा रहा आँसू को कोई छुपा रहा
मुझको क्या है ये दिल से पूछो पागल बनकर ये रोने लगा है मुझको क्या है ये दिल से पूछो पागल बनकर ये रोने लगा है
जो मिट गया, वही बचा है, यही सत्य समझ में आए। न चंदन की महक बसे है, न फूलों की गंध यहाँ जो मिट गया, वही बचा है, यही सत्य समझ में आए। न चंदन की महक बसे है, न फूलों की...
यूँ इस दुनिया से जाने के बाद भी हमारी कहानी को … उस के शब्दों को आबाद करेंगे यूँ इस दुनिया से जाने के बाद भी हमारी कहानी को … उस के शब्दों को आबाद करेंगे
सावन की घटा में तुझ को रखूंगा मैं सनम, मेरे प्यार की छाँव कभी भी छोड़ना नहीं। सावन की घटा में तुझ को रखूंगा मैं सनम, मेरे प्यार की छाँव कभी भी छोड़ना नहीं।
लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पूछ्ते हैं, "और कितना वक़्त लगेगा" लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पूछ्ते हैं, "और कितना वक़्त लगेगा"
अधर्म राह का करके पालन और असत्य का उच्चारण , धर्मराज से धर्म लुप्त था और कृष्ण से सत्य अधर्म राह का करके पालन और असत्य का उच्चारण , धर्मराज से धर्म लुप्त था और कृष्...
यहां वह महकती हुई आवाज से जिसमें भाई बहन का प्यार लाखों करोड़ों से आबाद है यहां वह महकती हुई आवाज से जिसमें भाई बहन का प्यार लाखों करोड़ों से आबाद है
तोड़ बंधनों को आज मुक्त खुद को तुम करो तोड़ बंधनों को आज मुक्त खुद को तुम करो
ये बेकरारी कैसी इस जान को किसकी तलाश क्यूं आवारा बंजारा बन भटक रहे हैं सब साज़, ये बेकरारी कैसी इस जान को किसकी तलाश क्यूं आवारा बंजारा बन भटक रहे हैं सब साज...
इसके साथ चलना सीखो, हर राह में मुसीबतें हैं, यह एक अपना खेल है। इसके साथ चलना सीखो, हर राह में मुसीबतें हैं, यह एक अपना खेल है।
उलझनों की माला उतारके फेंक दो गले से मायावी जाल में कब तक यूँ अटकते रहोगे। उलझनों की माला उतारके फेंक दो गले से मायावी जाल में कब तक यूँ अटकते रहोगे।
मेरी बच्ची तुम यह न सोचना कि मैं तुम्हारे अरमानों को दबाना चाहती हूं, मैं तो बस कुछ भेड़ियों क... मेरी बच्ची तुम यह न सोचना कि मैं तुम्हारे अरमानों को दबाना चाहती हूं, मैं ...
समझ लो कि की अंग्रेज शासन की गोलियों ने यहां खुब बरसाई आग! समझ लो कि की अंग्रेज शासन की गोलियों ने यहां खुब बरसाई आग!
प्रेम के रंगों में मिलते देखा है। दो प्रेमियों को मिलते देखा है। प्रेम के रंगों में मिलते देखा है। दो प्रेमियों को मिलते देखा है।
मेरे दिल के दरवाजे खुल्ले है जानेमन, जब चाहे तब दरवाजे को खटखटाना। मेरे दिल के दरवाजे खुल्ले है जानेमन, जब चाहे तब दरवाजे को खटखटाना।
यादें हैं बचपन की चुलबुली सी शुभकामनायें आप सब को होली की ! यादें हैं बचपन की चुलबुली सी शुभकामनायें आप सब को होली की !