तह
तह
तह कर के रख दी हैं तेरी यादें एक कोने में
कभी और इत्मीनान से इन्हें फिर खोलूंगी
दुबारा याद करके वो गुज़रे हुए पल
एक बार फिर...थोड़ा और रो लूंगी
तह कर के रख दी हैं तेरी यादें एक कोने में
कभी और इत्मीनान से इन्हें फिर खोलूंगी
दुबारा याद करके वो गुज़रे हुए पल
एक बार फिर...थोड़ा और रो लूंगी