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ashok kumar bhatnagar

Thriller

4  

ashok kumar bhatnagar

Thriller

"पहेली "

"पहेली "

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मौत पहेली हैं, रहस्यमयी और गहरी,

हर किसी को इसका सामना करना हैं।

कोई जलता हैं शम्भु की अग्नि में,

कोई विलुप्त हो जाता हैं हवा के संग।


पहेली के जवाब हैं छुपे हुए,

जीवन का अर्थ समझाने के लिए।

हर किसी की यात्रा अनोखी हैं,

जो भी बचा हुआ हैं, वो नियोंथी हैं।


पहेली की छोटी-छोटी पहेलियों में,

जीवन और मौत के अर्थ छिपे हुए हैं।

हर कोई यहाँ सिर्फ गुज़र रहा हैं,

इस खेल के निर्माता की रचना हैं।


जीवन पहेली हैं, मौत पहेली हैं,

ये साँसों की गति, ये संसार की धुंध।

हम पहेली के खेल में खोए जाते हैं,

कभी उदास, कभी खुश, कभी खोये जाते हैं।


हर सुबह नयी पहेली हैं उठती,

कभी मुसीबतें बनतीं हैं अठारह।

हम कोशिश करते हैं उन्हें सुलझाने की,

पर कभी जीत, कभी हार ही लिखती हैं।


पहेली हैं ये जीवन की चोटियाँ,

हमेशा कुछ नया चाहतीं हैं दुनिया।

विचारों का टांगना, सोच की उड़ान,

पर सत्य का पता नहीं, कहाँ पाने हैं।


मौत पहेली हैं, न जाने कब आएगी,

एक दिन यहाँ होंगे, दूसरे दिन वहाँ।

इसे तोड़ने का कोई उपाय नहीं,

पर इसके साथ खेलने का तरीका सीखें।


मौत आती हैं जीवन को सदा याद दिलाने,

कि हर किसी को यहाँ हैं जाने।

चल बसे हैं हम सब इस खेल के मैदान में,

मौत हमें अपने गोद में सुलाती हैं दिन रात।


जीवन पहेली हैं, मौत पहेली हैं,

हर एक इंसान के लिए यह सच्चाई हैं।

खुश रहो, प्यार करो, सपने देखो साथ,

क्योंकि एक दिन हमें छोड़कर जाएगी यह यात्रा।


बाधाओं से लड़कर आगे बढ़ना हैं,

उच्चताओं को छूने का जरिया बनना हैं।

हर रोज़ नए पहेलियों का हल ढूंढें,

मानवता के लिए नये मार्ग स्थापित करें।


एक जीवन हैं ये, एक संघर्ष का मैदान,

हर कदम पर मजबूती का संकेत हैं।

सच्ची महत्वाकांक्षा और उम्मीद ले कर,

हमेशा नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ना हैं।


पहेली हैं ये मौत, रहस्यमयी और गहरी,

हर किसी को एक दिन उससे मुलाकात होगी।

लेकिन अपनी छाप यहां छोड़ना हैं,

यादों में जीना, खुद को अमर करना हैं।


मौत के साथ साथ हर रोज़ जीना हैं,

क्योंकि हर पल यहां कुछ नया सीखना हैं।

जीवन और मौत, ये दोनों हैं पहेली,

समझना हैं, नई सोच से प्रगति करनी हैं।


जीवन का आगाज, एक पहेली की तरह हैं,

हर कदम पर नया सवाल, नया हल ढूंढती ज़िन्दगी हैं।

हंसती हैं खुशियों के उद्घाटन, रोती हैं दुःख के पाठ,

मधुर होती हैं जीवन की रागिनी, तल्लीन होती हैं बात।


पर जब तक हम सबके लिए एक सवाल हैं जीवन,

उत्तर ढूंढने की लगन हैं, यहाँ तक की मौत के पर्याय।

कभी नहीं थमती यह पहेली का खेल,

हर चरण पर नया चुनौती, नया संघर्ष हैं अंतिम तक जैसे ही।



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