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Anup Kumar

Thriller

3  

Anup Kumar

Thriller

सुरसा-संहार

सुरसा-संहार

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होता आभासित कुछ ऐसे!

जैसे-

तूफान, आंधी, बवंडर,

जलजला, सैलाब, सुनामी आदि 

भीषण त्रासदीजन्य शब्द ये सभी

समा गए हों


उस एक ही शब्द 'कोरोना में'।

जैसे हों सभी, 

उसी के ही पर्यायवाची !


उसके अंदर समाहित प्रत्येक ने, 

अपने-अपने गुणधर्म व चरित्र से 

बना दिया है उसको, 

और भी दुःसाध्य !

और भी घातक !


सुरसा की भांति -

दिनोंदिन, 

उसका मुँह फैलता ही जाता है।

निगलने को है उद्धत, 

मानो संपूर्ण विश्व को ही !


साक्षात काल बनी 

इस सुरसा का दमन, 

करना ही होगा हमें 

हनुमान बन।


हमें उसकी पैशाचिक शक्तियों को

पहचानना होगा।

कोई ब्रह्मास्त्र-सरीखा 

अमोघ अस्त्र अब लाना ही होगा।


तभी हो सकेगा

उस पर एक समेकित प्रहार।

तभी हो सकेगा

सुरसा-संघार !


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