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Ajay Gupta

Classics Thriller

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Ajay Gupta

Classics Thriller

चलो कहीं घूमने चलते हैं

चलो कहीं घूमने चलते हैं

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चलो कहीं घूमने चलते हैंं,

कहीं दूर भूल सब कहीं विचरते हैं।

बहुत दिनों से रहे बंद हम,

अब तो कहीं निकलते हैंं।


अब भी कोविड पूरा गया नहीं,

सफर में हम सावधानी सब बरतते हैं।

चलो कहीं घूमने चलते हैंं,

कही दूर भूल सब कहीं विचरते हैं।


 बहुत दिन से बस ऑफिस और घर,

बच्चा भी मोबाइल और टीवी में अटकते हैं।

आओ इनसे दूर प्रकृति के गोद में, 

फिर से नव ऊर्जा लेने चलते हैंं। 


चलो कहीं घूमने चलते हैंं,

कहीं दूर भूल सब कहीं विचरते हैं।


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