मैं पंछी खुले आसमनो का मैं खुले आसमनो मैं उड़ता जाऊँ
मैं पंछी खुले आसमनो का मैं खुले आसमनो मैं उड़ता जाऊँ
खुले आसमनो मे उड़ने दो
पेड़ो की हरियाली प्यारी
डाली पे डाली चेहकने दो
मानव मुझे पकड़ने वाले
मत पिंजरे मे डालो
मुझे भी खुले आसमानों में उड़ने दो
भगवान ने मुझे पंख दिए है
उसे मुझे लेहराने दो
मैं कमज़ोर सही
मगर है हिम्मत
तोडूंगा मे यह पिंजरा
ऊढ़ना है मुझे
उस खुले आसमानों पर
है मानव मत बहराम बन
मुझे भी दर्द होता है
तु बलशाली सही
पर मत अधर्म कर
इस ननी से जीव पर
उड़ने दे मुझे
उस खुले आसमानो पर
आज़ादी है सबको प्यारी
मुझे आज़द रहने दो
मैं हूँ पंछी इस खुले असमानो का
मुझे इस खुले आसमानो मे ही रेहने दो
सपनो को मैं दु एक नई दिशा
आज मुझे बड़ने दो
इस दुनिया मे एक नई पेहचान बनाऊँ
आसमानो से ऊँचा सपना देखा
अपने सपनो को पंख लगाकर उड़ता जाओ
मैं पंछी खुले आसमनो का मैं खुले आसमनो मैं उड़ता जाऊँ।