जादू तेरे चरण में रघुवर
जादू तेरे चरण में रघुवर
जादू तेरे चरण में रघुवर
जादू तेरे चरण में रघुवर
नैय्या डूब ना जाए
लेगा चरणों की सुधि केवट
तब ही पार ले जाए।।
दीन दु:खी केवट के तीरे
एक ही टूटी नैय्या
इसी से चलती रोज़ी रोटी
सुन ले जगत खेवईया।
क्या पता चरणों से तेरे
नारी ये बन जाए!!
लेगा चरणों की सुधि केवट
तब ही पार ले जाए।।
बहुत सुने चरणों की गाथा
हे जग पालनहारी
तेरे पांव के ठोकर से ही
बन गई पाथर नारी
डर मुझको मेरी काठ की नैय्या
नारी ना बन जाए! !
लेगा चरणों की सुधि केवट
तब ही पार ले जाए।।
ले आ रे पर्वतीया भर के
गंगा जल कठौती
मल मल के धोएंगे चरणन
पी लेंगे पद मोती
मेरे अंतर्मन की कोई
क्षुब्धी ना रह जाए !
लेगा चरणों की सुधि केवट
तब ही पार ले जाए।।
