हनुमत वीरा
हनुमत वीरा
हनुमत वीरा!
घुस के लंका जलाई दियो सारे
हनुमत वीरा!
त्राहि-त्राहि असुर करे सारे
हनुमत वीरा!
धुँ-धुँ जलै कोठा महल अटारी
चुनी-चुनी हनुमत सबै के जारि
एक घर छोड़ बस जारि दियो सारे
हनुमत वीरा!
घुस के लंका जलाई दियो सारे
हनुमत वीरा!
त्राहि-त्राहि असुर करे सारे
हनुमत वीरा!
शंख,चक्र देखी तुलसी प्राचीरा
कौन जपै यहांँ नांव रघुवीरा
राम जी के लागत भगत कोई प्यारे
हे बलबीरा!
घुस के लंका जलाई दियो सारे
हनुमत वीरा!
त्राहि-त्राहि असुर करे सारे
हनुमत वीरा!
कवि -अमित प्रेमशंकर
