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Pankaj Prabhat

Drama Inspirational Others

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Pankaj Prabhat

Drama Inspirational Others

न रास्तों का होश कर

न रास्तों का होश कर

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मंज़िल पर रख निगाह को, न रास्तों का होश कर,

फूल मिले या काँटे चुभे, न हर्ष कर न रोष कर,

हौसले की लौ जलाये रख, मन को अपने मशाल कर,

हर कदम एक मिसाल बन, हर साँस में अपने जोश भर।

मंज़िल पर रख निगाह को, न रास्तों का होश कर,


सपने देख खुली निगाह से, ताबीर को मुट्ठी में भर कर,

तकरीर कर तक़दीर से, मेहनत तबीयत में रख कर,

सच्चाई को खुद का साया कर, ईमानदारी को बना हम-सफर,

बोली को अपनी वेद बना, कर्म को तू अपनी गीता कर,

मंज़िल पर रख निगाह को, न रास्तों का होश कर,


शीशा-ए दिल में आग जला, आँखों में थोड़ा पानी भर

मुश्किलों की न परवाह हो, सोच में वो रवानी भर,

खुद तू पंच-भूत से है बना, दुनिया के पंचों से न डर,

तेरा अर्जुन तू है कृष्ण भी तू, इन कौरवों से महाभारत कर,

मंज़िल पर रख निगाह को, न रास्तों का होश कर।।


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