आराधक को जीवन में मिले सुख व आराम। आराधक को जीवन में मिले सुख व आराम।
मैं अपनी जिंदगी के रामायण का खुद ही दशरथ हूँ मैं श्रवण हत्या जैसे पाप के लिए मैं अपनी जिंदगी के रामायण का खुद ही दशरथ हूँ मैं श्रवण हत्या जैसे पाप के लिए
उगता जाता सूरज हनुमत अब तक क्यूं ना आए। उगता जाता सूरज हनुमत अब तक क्यूं ना आए।
माता सीता ने दी निशानी वो अंगूठी थी रामदूत ने अपने प्रभु को सुनाई ऐसी कहानी थी चलो अब रावण राम क... माता सीता ने दी निशानी वो अंगूठी थी रामदूत ने अपने प्रभु को सुनाई ऐसी कहानी थी ...
नाम भजू कोई कष्ट न आए हनुमान जब नाम पुकारे नाम भजू कोई कष्ट न आए हनुमान जब नाम पुकारे
अब तो हनुमान बनो असंभव को संभव करो। अब तो हनुमान बनो असंभव को संभव करो।