ज़िंदगी मेरे घर आना
ज़िंदगी मेरे घर आना
ए हसीं ज़िंदगी मेरे घर आना
आकर कभी वापस ना जाना
हम थोड़े से हैं लापरवाह माना
ना रूठा करो ऐसे हमसे जानां
तेरे बिना सारे ख्वाब हैं अधूरे
ख़्वाब अधूरे तो हम कहाँ पूरे
सबक तेरे होते नित नये निराले
सीखेंगे सारे पाठ बनके मतवाले
खुशियों की सौगात ही बिखराना
कड़वे तजुर्बों से दिल ना दुखाना
सीखेंगें जीना बनके अच्छे बच्चे
बस दिखाना तू रास्ते सारे पक्के
सतरंगी रंगों से अपने तू आकर रंगना
ख़ुशहाल ज़िंदगी हम देखें तेरा सपना।