धर्म की राह
धर्म की राह
धर्म की राह
हम चल पड़े हैं धर्म की
राहों में सीना तान के
अब जय सनातन गाएंगे
हर बच्चे हिन्दुस्तान के ।
उमड़ा है जन सैलाब ये
बस आगे बढ़ते जाएंगे
हर पग पे अपने शौर्य से
इतिहास गढ़ते जाएंगे ।
बदलेंगे भारत की छवि
मन में चलें हैं ठान के
अब जय सनातन गाएंगे
हर बच्चे हिन्दुस्तान के ।।
जागे हुए ये धीर हैं
भगवा ध्वज फहरा रहें
अंबर से सारे देव भी
पावन धरा पर आ रहें।
चंदन से लिखेंगे अमर
ये गीत सब स्वाभिमान के
अब जय सनातन गाएंगे
हर बच्चे हिन्दुस्तान के ।
कोई पताका तो गदा
पैदल ही लेकर चल पड़ा
जय जय सियापति राम की
जयघोष करते चल पड़ा।
तुतलाते बालक भी यहांँ
अनुयायी हैं हनुमान के
अब जय सनातन गाएंगे
हर बच्चे हिन्दुस्तान के ।।
कवि - अमित प्रेमशंकर
