देवहूति पूछें कपिल जी से कि प्रकृति, पुरुष और महतत्व आदि का ! देवहूति पूछें कपिल जी से कि प्रकृति, पुरुष और महतत्व आदि का !
माया मोह से पीछा छूटे और भक्ति और ज्ञान मिल जाये! माया मोह से पीछा छूटे और भक्ति और ज्ञान मिल जाये!
जगत जननी बना के जो पूजते हो मुझे, क्यूं दुत्कारी जाती हूं हर जगह .. जगत जननी बना के जो पूजते हो मुझे, क्यूं दुत्कारी जाती हूं हर जगह ..
तू वरदायनी, सुख दायिनी जगदंबे माँ करो कृपा और विनती सुनो माँ ••• तू वरदायनी, सुख दायिनी जगदंबे माँ करो कृपा और विनती सुनो माँ •••
तू बाबा मशान में रंग जमाती मैं गुरुद्वारे में लंगर खाता। तू बाबा मशान में रंग जमाती मैं गुरुद्वारे में लंगर खाता।
सर्वस्व, समग्र, व्यथा हरि हारा, तेज़ में मित्र ये भक्त तुम्हारा। सर्वस्व, समग्र, व्यथा हरि हारा, तेज़ में मित्र ये भक्त तुम्हारा।