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Nitu Mathur

Others

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Nitu Mathur

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अम्बे मां

अम्बे मां

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  तू वरदायनी, सुख दायिनी जगदंबे माँ

   करो कृपा और विनती सुनो माँ •••


   मेरी आस में सांस भरो माँ

   मुझ बेबस को, अपने बस में करो माँ, 


    मेरे अंतर द्वंद में विराम भरो

    प्राणों में तनिक आराम भरो माँ


    मेरे अपने कुछ कष्ट नहीं•••

    मेरे अपनों के दुख दूर करो माँ, 


    मुझ से दूर हैं मेरे टुकड़े

    उनहे अपने मन से जोड़ो माँ, 


    बरसे उन पर आशीष तुम्हारी

    जीवन बाल का कल्याण करो माँ |


           


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