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संदीप सिंधवाल

Abstract

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संदीप सिंधवाल

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संग तेरे

संग तेरे

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आज इश्क़ सरे आम बदनाम होगा 

चैन दिल का जब भी नीलाम होगा।


बड़ी बड़ी आंखे करके घूरते हैं वो

मेरे हौसलों से जमाना गुलाम होगा। 


इश्क़ की हदें जानता है मेरा दिल

तेरे दिल की हद पे मुझे गुमान होगा। 


तेरे आने से हरा होता मेरा गुलदान 

तेरे जाने से बागवान परेशान होगा। 


'सिंधवाल' को जाना है उसी राह पर

साथ चलने पे जहां अभिमान होगा। 




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