गजल-नए प्रतीकों वाले शेर इस गजल की विशेषता है। गजल-नए प्रतीकों वाले शेर इस गजल की विशेषता है।
जीवन की वास्तविकता। जीवन की वास्तविकता।
मुकम्मल ग़ज़ल कह जाती है क्या यही प्यार है। मुकम्मल ग़ज़ल कह जाती है क्या यही प्यार है।
जंगलवासी एक हमेशा, कहकर गले लगाये। जंगलवासी एक हमेशा, कहकर गले लगाये।
किसी आम व्यक्ति का ज़िक्र नहीं, अपने पिता की बातें करता हूँ। किसी आम व्यक्ति का ज़िक्र नहीं, अपने पिता की बातें करता हूँ।
एक वो शेर जो तुम कभी सुन न सकी , हाँ वही एक शेर मुझे सबसे छुपानी है। एक वो शेर जो तुम कभी सुन न सकी , हाँ वही एक शेर मुझे सबसे छुपानी है।