Ravi Purohit
Drama
गज़ल के मिसरे-सी
तुम्हारी मुस्कराहट
मेरे मन के संवेदी शेर को
रुहानी संगत देकर
अहसासों की
मुकम्मल ग़ज़ल कह जाती है
क्या यही प्यार है।
रंग मुबारक
तुम्हारी शीलत...
जी लेता हूं स...
सुनो खुशबू !
ओ मन बसंत
तलब
सुन रे बसंत !
मन झूमे-करे म...
सांस-भर सांस ...
सूरज को शास्त...
तभी से प्रति वर्ष यह होली का शुभ पर्व है मनाया जाता। तभी से प्रति वर्ष यह होली का शुभ पर्व है मनाया जाता।
जब जब मुझे देखा तुम्हें उसकी बेवफ़ाई ही याद आई। जब जब मुझे देखा तुम्हें उसकी बेवफ़ाई ही याद आई।
भूकंप द्वारा भूमि का क्रोध सबको प्रकट हो जाता है। भूकंप द्वारा भूमि का क्रोध सबको प्रकट हो जाता है।
वक्त ने सितम ऐसा ढाया। वक्त तेरे देने का आया। वक्त ने सितम ऐसा ढाया। वक्त तेरे देने का आया।
गिरगिट को यह शिकायत है, रब से सब लोगों तुलना क्यों करते है, उससे गिरगिट को यह शिकायत है, रब से सब लोगों तुलना क्यों करते है, उससे
सब मनु पेड़ लगाना दिल से करे, स्वीकार फिर तो स्वर्ग से सुंदर होगा, सारा संसार सब मनु पेड़ लगाना दिल से करे, स्वीकार फिर तो स्वर्ग से सुंदर होगा, सारा संसार
धर्म के नाम पर दंगे भड़काकर दया-करुणा का देते ज्ञान धर्म के नाम पर दंगे भड़काकर दया-करुणा का देते ज्ञान
हंसती हुई जिंदगी का होता है, वध लालच जीते जी ले जाता है, नरक हंसती हुई जिंदगी का होता है, वध लालच जीते जी ले जाता है, नरक
एक दूसरे का साथ थोड़ा कम ही सही पर एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ है यहाँ। एक दूसरे का साथ थोड़ा कम ही सही पर एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ है यहाँ।
तेरी बांहों का मेरे लिए खुलना और बंद होना बहुत खूबसूरत और बहुत खास है मेरे लिए तेरी बांहों का मेरे लिए खुलना और बंद होना बहुत खूबसूरत और बहुत खास है मेरे लि...
तू सौंदर्य की प्रतिमा रंभा, उर्वशी, मेनका बन हुई खड़ी। तू सौंदर्य की प्रतिमा रंभा, उर्वशी, मेनका बन हुई खड़ी।
दूसरों की मदद करके खुद को समझते हैं भगवान। दूसरों की मदद करके खुद को समझते हैं भगवान।
जो तुम्हारा मिल के रहेगा, नियत न लेने दूसरों की चीज कभी करो जो तुम्हारा मिल के रहेगा, नियत न लेने दूसरों की चीज कभी करो
मर भी जाऊंगा, तो भी आऊंगा दुबारा हूं में स्वार्थियों बीच,बेबाकी का एक नारा हूं। मर भी जाऊंगा, तो भी आऊंगा दुबारा हूं में स्वार्थियों बीच,बेबाकी का एक नारा हू...
मुलाक़ात हो जाने के बाद भी अनदेखा कर देंगे. मुलाक़ात हो जाने के बाद भी अनदेखा कर देंगे.
तो वह दिल और रूह देकर। सिर्फ़ कोई मांगे निशानी। तो वह दिल और रूह देकर। सिर्फ़ कोई मांगे निशानी।
न खेलना द्यूत क्रीड़ा, क्योंकि इससे बुद्धि हो भ्रष्ट। न खेलना द्यूत क्रीड़ा, क्योंकि इससे बुद्धि हो भ्रष्ट।
मनुष्य की नशे की लत में बुद्धि हो जाती है भ्रष्ट। मनुष्य की नशे की लत में बुद्धि हो जाती है भ्रष्ट।
उस कमी की बर्फ़ को हटा दो, जो सालों से रही जमी। उस कमी की बर्फ़ को हटा दो, जो सालों से रही जमी।
सबको अपने अपने कर्मों का ज़रूर मिलता है सिला। सबको अपने अपने कर्मों का ज़रूर मिलता है सिला।