STORYMIRROR

Ravi Purohit

Others

3  

Ravi Purohit

Others

सांस-भर सांस जीने दो चिड़िया को

सांस-भर सांस जीने दो चिड़िया को

1 min
231

पाबंदियों

और हद बंदियों के

कितने पहरे 

तुम्हारी मर्यादा की

माकूल निगेहबान

आँखों के लिए

पर्याप्त होंगे रे दानवीर!


विषदंत हटे

सांप को नचा कर

कब तक सपेरा

बना रहेगा

रे डरपोक!


दाँत तोड़ कर 

मत चुग्गा दे

चिड़िया को, 

उड़ लेगी मन से

जी लेगी 

अपने हिस्से का जीवन

तो क्या अनर्थ हो जाएगा 

रे दिलदार !


हदों के सुनहरे पिंजरे में

उड़ने की इजाज़त देकर 

होंठ छीन कर

मुस्कराने की बख्शीस

अमंगल के राग में

मंगल की शुभेच्छाएं कर

इतरा रहा है 

इस कदर ?


चहकने दो चिड़िया को

गाने दो

अपने मन की राग,

शायद कुछ पल सुस्ता ले

अपने मन भाती

मुंडेर पर

 सांस भर

तो उसे भी सांस आ जाए!



Rate this content
Log in