माता रानी - जयकारा दोहे ३
माता रानी - जयकारा दोहे ३
माता तेरी कृपा है, हर दिशा हर छोर।
हर होष्ठ पर तेरा नाम, जब भी होवे भोर।।
भगत की यही रीत है, मुक्ति की ही बस आस।
आंचल ही प्यारा लगे, चरण दीन का वास।।
तेरा ही इक सहारा, जब पास न हो कोय।
दुनिया बनी है स्वार्थी, हित में सब कुछ होय।।
तेरी भक्ति तो अमिट है, जीवन हाथ का मैल
माथा भक्ति ओज चमके, बनकर सुधा तैल।।
तेरा दर दूर नहीं, मन का मौजी मौन।
हीय में झांक देखिए, देख बसा है कौन।।