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संदीप सिंधवाल

Classics

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संदीप सिंधवाल

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नंद गोपाला : चौपाई छंद

नंद गोपाला : चौपाई छंद

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।।१।।

मोहित सूरत कौन न जाना।

अधर दंत जग लिए कान्हा।।

पालनहार तुम्हीं को माना।

पालकी सजी तू घर आना।।


।।२।।

कन्हैया लाल की टोलि चली।

शाम करधन पीत भावे भली।।

नाम जोत से ही सृष्टि फली।

जयकारा गूंजती हर गली।।


।।३।।

हर्षित करन आयो गोपाला।

अनेक रूप धरे नंद लाला।।

जन्म अष्टमी आयो मधु बेला

घर पधारो संग सखा बाला।।


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