दरियों से सृष्टि सजाती है तृष्णा मिटाते अविचल बहती सुगंध भरी माटी में। दरियों से सृष्टि सजाती है तृष्णा मिटाते अविचल बहती सुगंध भरी माटी में।
तुम छांव सी लगती हो ज़िंदगी की घनी धूप में माँ धरती पर ईश्वर देखे हैं मैंने तेरे स्वर तुम छांव सी लगती हो ज़िंदगी की घनी धूप में माँ धरती पर ईश्वर देखे हैं मैंने ...
अगले किसी जन्म में माँ बन बेटी तुम्हें जन्मूँगी। अगले किसी जन्म में माँ बन बेटी तुम्हें जन्मूँगी।
मेरा साथ और विश्वास बनकर तुम रहो करीब मेरे। मेरा साथ और विश्वास बनकर तुम रहो करीब मेरे।
परिवर्तन लाओ पर मां को त्यागने की भूल तुम कभी न करना कभी न करना कभी न करना ! परिवर्तन लाओ पर मां को त्यागने की भूल तुम कभी न करना कभी न करना कभी न करना !
एक ऐसी सच्ची मुस्कान जिसमें प्यार होगा वात्सल्य होगा मानवीयता का संस्कार होगा..! एक ऐसी सच्ची मुस्कान जिसमें प्यार होगा वात्सल्य होगा मानवीयता का संस्का...