माँ
माँ
माँ ! तुम श्रद्धा हो मेरी, अश्रु मेरे, श्रद्धा सुमन !
तुम्हारी कोख से जन्म, मिला वरदान सुखद !
मुझे दुनिया में लाना एक जीवट प्रयत्न था
तन-मन झेलना कष्ट, तुम्हारा हृदय-प्रेम था
कोमल यादें, कोमल प्रीत की हर्षित तन-मन,
गंध तुम्हारी रक्त-सुगंध बन सींच रही मेरा तन
बँधी हैं आत्माएँ हमारी अपनत्व की साँकल से
रहेगी प्रतीक्षारत रूह मृत्यु के बाद क्षितिज में
करती वादा आज तुमसे,सच्ची श्रद्धांजलि दूँगी
अगले किसी जन्म में माँ बन बेटी तुम्हें जन्मूँगी।
