पेड़ लगाओ
पेड़ लगाओ
पेड़ लगाओ पेड़,
पेड़ लगाओ पेड़
ये उठाते हैं जीवन का भार
मत करो तुम इनका संहार
इनका साथ सभी को भाया
चाहे अपना चाहे पराया
सदा लुटाते प्यार
मत करो.....
हर मौसम में डट के रहते
सर्दी,गर्मी,बारिश सहते
सहते मौसम की मार
मत करो....
पंछी का ये रैन बसेरा
इनसे ही होता है सबेरा
करते बस उपकार
मत करो....
कितने सुंदर फूल खिलाते
ये वीरों के भाल को भाते
सब करते इनसे प्यार
मत करो...
धरती का श्रृंगार हैं ये ही
जीवन का आधार हैं ये ही
इनसे जग में बाहर
मत करो....
जड़ें जकड़ के रखती भूमि
सब ऋतुएं इन संग झूमि
कभी न करते प्रहार
मत करो...
सदा सिखाते झुक कर रहना
वक़्त का दामन थामे रहना
ये जीवन का सार
मत करो।