कवि: मिखाईल लेरमेंतोव अनुवाद: आ.चारुमति रामदास कवि: मिखाईल लेरमेंतोव अनुवाद: आ.चारुमति रामदास
गहे तुम्हारी शरण जो, करते उसे निहाल। गहे तुम्हारी शरण जो, करते उसे निहाल।
आसमाँ तू कब तरस कर मेरे शहर पर रहम बरसाएगा। आसमाँ तू कब तरस कर मेरे शहर पर रहम बरसाएगा।
जीवन जिसका ब्रह्म आचरण, धर्म युद्ध का वो "ब्राह्मण"। जीवन जिसका ब्रह्म आचरण, धर्म युद्ध का वो "ब्राह्मण"।
यशोगान जयगान तुम्हारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा। यशोगान जयगान तुम्हारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा।
जननी है, जन्मभूमि है, ये स्वर्ग से महान है, किसान हो, जवान हो, ये सब ही इसकी शान हैं। जननी है, जन्मभूमि है, ये स्वर्ग से महान है, किसान हो, जवान हो, ये सब ही इसकी ...