स्कूल
स्कूल
हमको प्यारा था बहुत ही स्कूल का ग्राउंड
जहां होता था सबसे ज्यादा साउंड
लगाते थे चौका और छक्का
सब रह जाते थे हक्का-बक्का
बहुत प्यारी थी तब की हर कहानी
याद आती है बचपन की जिंदगानी
स्कूल में थे पेड़ तब बहुत सारे
आम अमरूद लीची और कचनारे
तोड़ते थे अमरूद खाते थे लीची
इसके लिए मेम ने कई बार कान थी खींची
याद आ गई थी तब हमको नानी
याद आती है बचपन की
आज भी याद आती है दोस्तों की मस्ती वो यारी
जीवन की सबसे सुंदर पारी
याद आते ही आंखों में आ जाता है पानी
बहुत ...
सर पर टीचर्स का आशीर्वाद किताबों से नाता था
दोस्तों का हर मुश्किल में साथ भाता था
सच स्कूल की हर सुबह थी सुहानी
बहुत प्यारी ....