STORYMIRROR

Shayra dr. Zeenat ahsaan

Tragedy

4  

Shayra dr. Zeenat ahsaan

Tragedy

सिगरेट

सिगरेट

1 min
303

आज फिर बादल फटा है

पानी बरसा है

चमरू फिर लाएगा बाटली

दमरू जलाएगा सिगरेट


बनेगा माछ भात

देर रात तक जलेगा अलाव

फिर चलेंगी सर्द हवाएं


इनके जिस्म की तपिश को बनाए रखने के लिए

 फिर मुन्नी को सुलगना होगा

सिगरेट की तरह

सारी रात राख होने तक।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

Similar hindi poem from Tragedy