STORYMIRROR

SNEHA NALAWADE

Inspirational

5  

SNEHA NALAWADE

Inspirational

अनोखी खुशी

अनोखी खुशी

1 min
443

बहुत से लोग जीवन में आगे और जाते हैं

उनमें से बहुत कम होते हैं जो जिंदगी भर साथ रहते हैं

मेरी जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही हुआ है

वक्त तेजी से बीत रहा था क्या करना है

वही ठीक से पता नहीं था।


पर कुछ समय बीत ने के बाद

पता चला आखिर करना क्या है

कुछ चीजें वक्त गुजरने के बाद ही पता चलती है

मैंने न ही कभी कोई कहानी लिखी न ही कविता

पर इसे मैं संयोग कहूँ या कुछ और कि

प्रतिदिन प्रतियोगिता रोज कुछ ना कुछ चल रहा है।


आखिर यह एक संयोग है या कुछ और पता नहीं

मेरे लिखने की शुरुआत प्रतियोगिता से हुई

जब मेरी एक अध्यापिका ने मुझे इसके बारे में बताया,

मैंने तो सिर्फ उन्हीं के लिए भाग लिया था,


पर कहाँ पता था आगे कुछ और ही लिखा है

लिखने का सिलसिला वक्त के बाद शुरू हो गया

बाद में जैसे आदत ही पड़ गई

अब लिखना जारी है,


खुद के लिए नहीं पर किसी और के लिए

उसकी एक अलग ही खुशी मिलती है

जहाँ पर मैंने अपनी रचनाएँ लिखी स्टोरिमिरर पर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational