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SNEHA NALAWADE

Abstract

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SNEHA NALAWADE

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बेरोजगारी...

बेरोजगारी...

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क्या वक्त आ गया है अभी 

क्या वक्त था पहले जब हर कोई 

अपने के लिए घर से बाहर निकलता था पर 

अब तो ये सारी चीज़ें मुमकिन नहीं है 

इस माहमारी के कारण बहुत से लोग बेघर हो गए 

उनकी नौकरियां चली गई 

खाने पीने के बहुत हाल होने लगे 

अगर ऐसा ही चलता रहा तो कुछ कह नहीं सकते 

आगे क्या होगा कुछ ना कुछ तो इस पर हल निकालना ही होगा 

वापस से कंपनियां शुरू होनी चाहिए 

सारी चीज़ें पहले जैसे होनी चाहिए 

तब ही कुछ है हो सकता है 

आशा ही जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा..! 


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